आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों (ईडब्ल्यूएस) द्वारा लिए गए ऋणों पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करने की केन्द्रीय योजना (सीएसआईएस) )
भारत सरसकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमओएचआरडी) आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के विद्यार्थियों (ईडब्ल्यूएस) को भारत में तकनीकी/व्यावसायिक कोर्स में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए ब्याज सब्सिडी योजना बनायी है. ब्याज सब्सिडी भारत और विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दी जा रही वर्तमान हमारी शिक्षा ऋण योजना के साथ लिंक की गयी.
पात्रता :
- भारत में XII वीं कक्षा पूरा करने के बाद मान्यता प्राप्त तकनीकी और व्यावसायिक कोर्स में भर्ती हुए विद्यार्थियों तक ही सीमित है.
- इस योजना के अंतर्गत प्राप्य लाभ ईडब्ल्यू श्रेणी के विद्यार्थियों को दिये जाएंगे जो सरकारी योजना में निर्दिष्ट आय निर्धारण मानदंडों, यानी मॉ-बाप की आय सीमा (सभी स्रोतों से) रु.4.50 लाख् प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, को पूरा करते हैं.
- प्राधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए निम्न आय प्रमाण पत्रों को प्रस्तुत करना है :
महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक राज्यों में आय प्रमाण पत्र जारी करने वाले प्राधिकारियों का विवरण निम्न प्रस्तुत है :
महाराष्ट्र – तहसीलदार
कर्नाटक – तहसीलदार
गुजरात – जिला कलेक्टर/उप कलेक्टर/सहायक कलेक्टर
प्रांत अधिकारी/मामलतदार
- ऋण स्थगन अवधि (यानी, कोर्स की अवधि + एक वर्ष या रोजगार प्राप्त करने के 6 महीनों के बाद, जो भी पहले हो) के लिए शिक्षा ऋण पर विद्यार्थी द्वारा देय ब्याज सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी.
- वर्तमान शिक्षा ऋण योजना के प्रावधानों के अनुसार, ऋण स्थगन अवधि की समाप्ति के बाद, बकाया शेष राशि पर ब्याज का भुगतान विद्यार्थी द्वारा किया जाएगा.
- पात्र विद्यार्थी को ब्याज सब्सिडी केवल एक बार ही प्रदान की जाएगी, यातो पहले स्नातक कोर्स के लिए या स्नातकोत्तर डिग्री या डिप्लोमा कोर्स के लिए. तथापि, ब्याज सब्सिडी दोनों स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स के लिए संयुक्त रूप से अनुमत है.
- ऐसे विद्यार्थियों के लिए ब्याज सब्सिडी उपलब्ध नहीं होगी, जो बीच में छोड़ देते हैं या अनुशासनिक/शैक्षिक कारणों से शैक्षिक संस्था से बरखास्त किए जाते हैं. तथापि, यदि चिकित्सा कारणों से अध्ययन समाप्त किया जाता है तो ब्याज सब्सिडी वास्तविक अध्ययन अवधि तक ही सीमित की जाती है. इसे प्रमाणित करने के लिए विद्यार्थी द्वारा शैक्षिक संस्था के प्रधान को संतोषजनक प्रमाण प्रस्तुत किए जाने हैं.