सभी खातेदारों से अनुरोध है कि वे नेफ्ट या आरटीजीएस माध्यम से करने वाले अपने आवक निधि अंतरण हेतु केवल 15 अंक वाले खाते संख्या का ही प्रयोग करें.
इलेक्ट्रानिकी भुगतान उत्पाद – केवल खाते संख्या की सूचना के आधार पर आवक लेनदेनों का संसाधन किया जाता है.
भुगतान अनुदेश में प्रविष्ठियॉं, विशेषकर लाभभोगी का खाता संख्या, सही ढंग से भरने का का दायित्व प्रेषक/प्रवर्तक का है. यद्यपि अनुदेश याचिका में लाभभोगी का नाम अनिवार्यतया सूचित करना है और ऐसा करना निधि अंतरण सेदेश का एक अंग के रूप में माना जाएगा, निधियों को जमा करने के लिए केवल खाता संख्या पर ही निर्भर किया जाता है. यह विषय, दोनो लेनदेन अनुरोध, यानी, शाखा से किए जाने वाले और आनलाइन/इंटरनेट वितरण चैनल द्वारा किए जाने वाले अंतरण लेनदेनों पर लागू हैं. (विवरण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के दिनांक 14 अक्तूबर, 2010 का परिपत्र संख्या आरबीआई/2010-11/235 डीपीएसएस (सीओ) ईपीपीडी संख्या /863/04.03.01/2010-11 का संदर्भ लें). अत:, जमा केवल लाभभोगी के खाते के नंबर की सूचना के आधार पर किया जाता है और लाभभोगी का नाम, आदि विवरणों का उपयोग नहीं किया जाता है. अत: इलेक्ट्रानिकी पद्धति द्वारा निधियों का अंतरण करते समय प्रेषक को लाभभोगी के खाता नंबर सावधानी से भरना चाहिए.
राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिकी निधि अंतरण प्रणाली (नेफ्ट) खुदरा ग्राहक लेनदेनों के लिए शुरू की गयी है. नेफ्ट लेनदेनों का संसाधन और निपटान सभी दिवसों में आधे घंटे के बैचों में 00.30 बजे से 24.00 बजे तक किए जाते हैं. नेफ्ट का उपयोग करते हुए बैंक का ग्राहक दूसरे बैंक के लाभभोगी के खाते में चाहे, जितनी राशि चाहे उतनी राशि का (रु.2.00 लाख से भी अधिक राशि को भी) प्रेषण कर सकता है.
मोबाइल बैंकिंग ऐप का उपयोग करते हुए, बैंक का ग्राहक प्रतिदिन रु। 1,00,000 / - निकाल सकता है.
नेफ्ट मूल्य समूह का सेवा प्रभार |
नेफ्ट लेनदेनके लिए अधिकतम प्रभार |
रु.10,000/- तक की राशि |
रु.2.00/- + जीएसटी |
रु.10,001/- से रु.1 लाख तक की राशि |
रु.4.00/- + जीएसटी |
रु.1 लाख से रु.2 लाख तक की राशि |
रु.14.00/- + जीएसटी |
रु.2 लाख से अधिक |
रु.24.00/- + जीएसटी |