भारत या विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए शिक्षा ऋण योजना
उद्देश्य
भारत में अध्ययन हेतु (संकेतक सूची)
- यूजीसी/सरकार/एआईसीटीई/एआईबीएमएस/आईसीएमआर, आदि द्वारा मान्यता प्राप्त कालेज/विश्व विद्यालयों के अनुमोदित स्नातक/स्नातकोत्तर उपाधि और स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स.
- आईसीडब्ल्यू, सीए, सीएफए आदि कोर्स
- आईआईएम, आईआईटी, आईआईएससी, एक्सएलआरआई, एनआईएफटी, एनआईडी, आदि द्वारा आयोजित कोर्स.
- नियमित डिग्री /डिप्लोमा कोर्स, जैसे, एरोनॉटिकल, पाइलट ट्रेनिंग, शिप्पिंग, आदि, जिसका अध्ययन भारत में किया जाता है तो उसका अनुमोदन सिविल एविएशन / शिप्पिंग के महा निदेशक द्वारा किया जाना है.
- प्रतिष्ठित विदेशी विश्व विद्यालयों द्वारा भारत में प्रदान किए जाने वाले अनुमोदित कोर्स.
यह सूची संकेतक प्रकृति की है. बैंक अन्य ऐसे रोजगार-उन्मुख कोर्सो को भी इस योजना के अंतर्गत अनुमोदन प्रदान कर सकता है, जिनके अध्ययन पर मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा तकनीकी/व्यावसायिक डिग्री/स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान किए जाते हैं.
विदेशों में अध्ययन :-
- स्नातक : प्रतिष्ठित विश्व विद्यालयों द्वारा प्रदान किए जाने वाले रोजगार-उन्मुख तकनीकी/व्यावसायिक कोर्स के लिए
- स्नातकोत्तर : एमसीए, एमबीए, एमएस, आदि.
- सीआईएमए-लंदन, सीपीए-अमेरीका, आदि द्वारा आयोजित कोर्स
- भारत या विदेश में रोजगार प्राप्त करने के प्रयोजन से अध्ययन किए जाने वाले डिग्री /डिप्लोमा कोर्स, जैसे, एरोनॉटिकल, पाइलट ट्रेनिंग, शिप्पिंग, आदि, बशर्ते कि भारत या विदेश के सक्षम नियंत्रक इकाइयों द्वारा मान्यता प्राप्त है.
व्यय, जिनके लिए ऋण प्रदान करने के लिए विचार किया जा सकता है
- कालेज/स्कूल/हास्टल को देय शुल्क
- परीक्षा/पुस्तकालय / प्रयोगशाला शुल्क
- विदेशी अध्ययन के संदर्भ में यात्रा व्यय/पारगमन राशि
- यदि लागू हो, विद्यार्थी ऋणी के लिए बीमा प्रीमियम
- जमानती राशि, भवन निधि/संस्था के बिल/रसीद द्वारा समर्थित प्रतिदेय जमा राशियॉं
- पुस्तकें/उपस्कर/उपकरण/यूनिफार्म आदि की खरीदी
- कोर्स पूरा करने के लिए यदि आवश्यक है तो उपयुक्त लागत पर कंप्यूटर की खरीदी
- कोर्स् पूरा करने के लिए आवश्यक कोई अन्य व्यय, जैसे अध्ययन दौरे, परियोजना कार्य, शोध कार्य, आदि
- ऋण राशि की गण्ना करते समय, ऋणी विद्यार्थी को छात्र-वृत्ति, शुल्क में छूट, आदि दी जाती, तो उनकी गणना भी की जाती है.
- यदि छात्र-वृत्ति का घटक ऋण मूल्यांकन में शामिल किया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्र-वृत्ति की राशि सरकार से प्राप्त होते ही ऋण खाते में क्रेडिट किया जाए.
भारत और विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए शिक्षा ऋण योजना अधिकतम राशि
- भारत में अध्ययन : रु. 10.00 लाख तक
- विदेशों में अध्ययन : रु. 20.00 लाख
जो भी कम हो.
पात्रता विद्यार्थी पात्रता :-
- विद्यार्थी भारतीय नागरिक हो
- एचएससी (10+2 या समकक्ष) पूरा करने के बाद उच्च शिक्षा कोर्स के लिए भारत या विदेश के मान्यता प्राप्त संस्थाओं में प्रवेश परीक्षा/मेरिट के आधार पर चयन प्रक्रिया द्वारा प्रवेश प्राप्त किया हो. तथापि, कुछ स्नातकोत्तर कोर्स या अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा या योग्यता परीक्षा में प्राप्तांक, प्रवेश के लिए निर्णायक नियम नहीं हो सकता. ऐसे मामलों में, बैंक निजी तौर पर कोर्स की रोजगार प्रदान करने की योग्यता और संबंधित संस्थान की प्रतिष्ठा पर निर्णय लेगा.
संयुक्त ऋणकर्ता
- संयुक्त ऋणकर्ता सामान्यतया विद्यार्थी के माता-पिता/अभिभावक होंगे. विवाहित व्यक्ति के संदर्भ में, संयुक्त ऋणकर्ता या तो उसके जीवन साथी या माता-पिता या सास और ससुर, हो सकते हैं.
पुनर्भुगतान
ऋण स्थगन अवधि = कोर्स अवधि + अधिकतम 1वर्ष की अवधि.
तथापि, यदि विद्यार्थी द्वारा कोर्स पूरा करने के 6 महीनों के अंदर ही रोजगार प्राप्त कर लेता है, ईएमआई भुगतान आगे किया जाता है और रोजगार प्राप्त करने की तारीख से 6 महीने के बाद से तय किया जाएगा.
ऋण का पुन:भुगतान 15 वर्ष की अवधि तक एक समान मासिक किस्तों में किया जाना है.
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मार्जिन
रु.4.00 लाख तक - कुछ नहीं
रु.4.00 लाख से अधिक -
- भारत में अध्ययन हेतु - 5%
- विदेशों में अध्ययन हेतु - 15%
- छात्रवृत्ति /सहायकवृत्ति मार्जिन में जोड़ दिया जाएगा.
- यथानुपात आधार पर जब वितरण किया जाता है, मार्जिन वर्ष-अनु-वर्ष लाना चाहिए.
- सभी बाहरी प्रेषण हमारे विदेशी मुद्रा विभाग द्वारा किए जाने हैं.
सदस्यता
- आवेदक और सह-आवेदक के लिए नियमित सदस्यता,हद तक शेयरहोल्डिंग मानदंडों के अनुसार
- जमानतदारों के लिए नामत: सदस्यता.
प्रतिभूति तथा जमानत
- रु.4 लाख तक
संयुक्त ऋणकर्ताओं के रूप में माता पिता के अलावा, रु.15,000/- प्रति माह या उससे अधिक निवल वेतन/आय वाला 1 जमानतदार और संपार्श्विक रूप में ऋण राशि को कवर करते हुए मूर्त प्रतिभूति.
- रु.4 लाख से अधिक तथा रु.7.50 लाख तक
संयुक्त ऋणकर्ताओं के रूप में माता पिता के अलावा, रु.20,000/- प्रति माह या उससे अधिक निवल वेतन/आय वाला 1 जमानतदार और संपार्श्विक रूप में ऋण राशि को कवर करते हुए मूर्त प्रतिभूति.
- रु.7.50 लाख से अधिक
संयुक्त ऋणकर्ताओं के रूप में माता पिता के अलावा, रु.25,000/- प्रति माह या उससे अधिक निवल वेतन/आय वाला 1 जमानतदार और संपार्श्विक रूप में ऋण राशि को कवर करते हुए मूर्त प्रतिभूति.
- सेवा प्रभार
कुछ नहीं
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नोट :-
ऋण स्थगन अवधि में ब्याज लगाया जाता है तो बैंक द्वारा ऋण स्थगन अवधि तक 1% ब्याज छूट प्रदान किया जाएगा. तथापि सहमति के अनुसार, मारटोरिया अवधि के दौरान ब्याज नहीं लगाया जाता, प्रथम वितरण के दिन से बिना किसी रियायत सामान्य ब्याज लगाया जाएगा.
आवश्यक प्रलेख
- अद्यतन फोटोग्राफ, फोटो पहचान प्रमाण, पान कार्ड की प्रति, आवेदक और जमानतदारों का आवास प्रमाण
- माता-पिता/, जिनका नियमित आय स्रोत है, को यह सिद्ध करना है कि वे मासिक ब्याज भुगतान कैसे करेंगे.
- यह पुष्टि करते हुए घोषणा पत्र/शपथ पत्र प्रस्तुत करना है कि किसी दूसरे बैंक से शिक्षा ऋण प्राप्त नहीं किए गए हैं.
- विश्व विद्यालय/कालेज/संस्था से कोर्स विवरण, प्रवेश प्रक्रिया सूचित करते हुए दिया गया प्रस्ताव पत्र.
- पासपोर्ट की प्रति (विदेश में अध्ययन के लिए) या पहचान प्रमाण.
- अद्यतन शैक्षिक अंक पत्र.
अन्य
- बीमा : शिक्षा ऋण प्राप्त करने वाले विद्यार्थी के लिए बैंक सावधि जीवन बीमा पालिसी का प्रबंध करेगा.
- दक्षता/क्षमता प्रमाण पत्र : आवेदित किए जाने पर बैंक उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले विद्यार्थियों के लिए दक्षता प्रमाण पत्र जारी करेगा. इस प्रयोजन हेतु, आवश्यकता पड़ने पर, वित्तीय और अन्य समर्थक प्रलेख आवेदक से प्राप्त किए जाएंगे.
- पूर्व भुगतान अवधि : पुनर्भुगतान अवधि के दौरान किसी भी समय पूर्व भुगतान किया जाता है तो, कोई अपराध शुल्क वसूल नहीं किया जाएगा.
- न्यूनतम आयु : इस संबंध में कोई विशेष प्रतिबंध नहीं है कि कितनी उम्र के विद्यार्थी शिक्षा ऋण के लिए पात्र है. तथापि, माता पिता द्वारा प्रलेखों के निष्पादन के समय यदि विद्यार्थी अवयस्क है, तो विद्यार्थी के वयस्क बनने के बाद, बैंक उससे एक अनुसमर्थन पत्र प्राप्त करेगा.
प्रतिभूति भूमि/भवन/सरकारी प्रतिभूतियॉं/सार्वजनिक बॉण्ड/यूटीआई की इकाइयॉं, एनएससी, केवीपी, जीवन बीमा पालिसियॉं, स्वर्ण, विद्यार्थी/माता-पिता/अभिभावक/कोई अन्य पक्षकार के नाम हमारे बैंक की जमा-रसीद के रूप में या उपयुक्त मार्जिन के साथ कोई अन्य मूर्त प्रतिभूति, जो बैंक को स्वीकार्य है, हो सकती हैं. अन्य पक्षकारों की प्रतिभूति के संदर्भ में, प्रतिभूतियों/संपत्तियों को गिरवी करना है और प्रतिभूतियों/संपत्तियों के स्वामी को गारंटार बनाया जाएगा.
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