शिक्षा व्यवसाय की किसी/सभी धाराओं में नर्सरी से लेकर स्नातकोत्तर/अनुसंधान तक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने वाली शैक्षिक संस्थाओंको हम वित्तीय सहयोग प्रदान करते हैं. |
स्कूल/कालेज भवनों/हास्टल/प्रयोग शाला/प्रशासनिक कार्यालय और/या कोई अन्य भवन, जो इन संस्थाओं से जुडे हुए हैं और फर्नीचर औ जुड़नार, उपस्कर, मशीनरी, कंप्यूटर, किताबें और शिक्षा, आदि से संबंधित अन्य ऐसी सभी वस्तुओं की खरीदी हेतु हम ऋण प्रदान करते हैं. |
- शैक्षिक संस्थाओं को संबंधित राज्यों के सार्वजनिक न्यास अधिनियमों के अंतर्गत पंजीकृत होने चाहिए और कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत निगमित होने चाहिए. ऐसी संस्थाओं को किसी बोर्ड/विश्व विद्यालय/एआईसीटीई, आदि से मान्यता प्राप्त होनी चाहिए या उनसे संबद्ध होना चाहिए.
- प्रतिभूति – भूमि या भवन या अन्य अचल संपत्ति (कृषि भूमि को छोड़कर) और ऋण द्वारा खरीदे गए उपकरण और उपस्कर और संस्था की अन्य आस्तियॉं.
- संस्था के प्रवर्तक/न्यासियों की वैयक्तिक गारंटी
- मार्जिन – परियोजना लागत का 25%.
- अधिकतम पुनर्भुगतान अवधि – 84 ईएमआई.
- रियायती ब्याज दर.
- सामान्यतया ये सुविधाएं सुसंस्थापित न्यास/कंपनियों, जिनकी गरिमामय रिकार्ड है, को प्रदान की जाएगी.
- नूतन न्यास और कंपनियों को ऋण सुविधाएं बैंक सीमित मात्रा में मंजूर करता है.
- सेवा प्रभार – जैसा लागू .
सेवा प्रभार और शेयर धन प्रतिभूति ऋणों पर लागू जैसा है. |
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विस्तृत विवरण के लिए loans[at]abhyudayabank[dot]net , मेल पर हमें लिखें और अभ्युदय सहकारी बैंक आपको उत्तर देगा. |