अनिवासी भारतीयों के लिए जमा योजनाएं
अभ्युदय सहकारी बैंक में भारतीय मूल के अनिवासी भारतीय/आरंभ में निम्न प्रकार के अनिवासी खाते खोल सकते हैं :
अनिवासी(बाह्य) रुपी खाता (एनआरई)
- भारतीय रुपयों में आप बचत, चालू या सावधि खाते खोल सकते हैं.
- विदेशों से प्रेषण (स्विफ्ट भुगतान आदेश द्वारा).
- भारत के अन्य बैंकों या हमारे बैंक की अन्य शाखाओं में विद्यमान एनआरई/एफसीएनआर खातों से निधियों के अंतरण द्वारा
- भारत में अस्थायी दौरे के संदर्भ में लाये विदेशी मुद्रा नोट/यात्री चेक द्वारा आप एनआरई खाता खोल सकते हैं.
एनआरई खातों की विशेषताएं
- भारतीय रिजर्व बैंक को संदर्भित किए बिना अर्जित ब्याज सहित पूरा क्रेडिट जमा शेष भारत के बाहर प्रत्यावर्तित किया जा सकता है.
- अटर्नी अधिकार या एनआरआई खातेदार द्वारा जारी प्राधिकार पत्र द्वारा भारतीय निवासियों से एनआरई खाते परिचालित किए जा सकते हैं. तथापि अटर्नी अधिकार/प्राधिकार पत्र धारक निधियों को विदेश नहीं भेज सकते हैं.
- अन्य अनिवासी भारतीयों के साथ संयुक्त खाते खोले जा सकते हैं. भारत में रह रहे निकट संबंधियों के साथ भी ‘’प्रथम या उत्तर जीवी’’ के आधार पर संयुक्त खाते खोले जा सकते हैं (कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 6 के अंतर्गत). एनआरआई खाताधारक के जीवन पर्यंत उसके अनुदेश के अनुसार अटर्नी अधिकार धारक की हैसियत से निकट संबंधी खाते के परिचालन करने के लिए पात्र है.
- स्थानीय वितरण, यूटीआई की इकाइयों की खरीदी, केन्द्र और राज्य सरकारी प्रतिभूतियॉं और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र इन खातों से खरीदे जा सकते हैं.
- यूटीआइ के विक्रय/परिपक्व उत्पाद / यूटीआइ के पुन: खरीदी उत्पाद, प्रतिभूतियॉं और प्रमाण पत्र, जिन्हें मूलतया इन खातों की निधियों से खरीदा गया है, भारतीय रिजर्व बैंक को संदर्भित किए बिना क्रेडिट किया जा सकता है.
- सावधि जमाओं के अंतर्गत न्यूनतम एक वर्ष की अवधि के लिए और अधिकतम 3 वर्ष की अवधि तक जमाएं स्वीकार की जाती हैं.
- इन जमाओं को प्रतिभूति के रूप में रखकर जमाधारकों/अन्य पक्षकारों को ऋण दिए जा सकते हैं.
- एनआरई बचत बैंक खाते के लिए चेक बुक सुविधा उपलब्ध है.
- अर्जित आय पर कर नहीं लगाया जाता. शेष राशि पर धन कर नहीं लगता.
- भारतीय रिजर्व बैंक के मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार घरेलू जमाओं पर लागू जैसी आकर्षक ब्याज दरें उपलब्ध हैं.
अनिवासी सामान्य खाते (एनआरओ)
एनआरओ खाते का मुख्य उद्देश्य, व्यक्तियों के ऐसे धन को, जिसे उन्होंने एनआरआई बनने से पहले प्राप्त किया है या कमाया है, वास्तविक रुपये लेनदनों में लगाना है, ताकि विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम, 1999 और विनिमय नियंत्रण विनियमन के प्रावधान उन पर लागू न हों.
- एनआरओ खाते भारतीय रुपयों में बचत, चालू और सावधि खातों में खोला जा सकता है.
- एनआरओ खातों की निधियों को वास्तविक प्रयोजनों के लिए प्रत्येक कैलेण्डर वर्ष में एक मिलियन अमरीकी डालर की अधिकतम सीमा तक, भारत के बाहर प्रत्यावर्तित किया जा सकता है बशर्ते कि उस पर लागू कर अदा किए गए हो. भारतीय रिजर्व बैंक के अद्यतन मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार एक एनआरआइ अपने एनआरओ खाते से एनआरई खाते में वित्तीय वर्ष में एक मिलियन अमरीकी डालर की अधिकतम सीमा तक अंतरण कर सकता है, बशर्ते कि कर अदा किए गए हो.
- समय समय पर लागू दरों के अनुसार जमाओं पर अर्जित ब्याज कर काटने के लिए पात्र हैं. कुछ शर्तों के अधीन दोहरा कराधान परिवर्जन समझौते के अधीन लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं.
- एनआरओ जमाओं पर घरेलू जमाओं पर लागू जैसी ब्याज दरें उपलब्ध हैं.
- इन जमाओं की प्रतिभूति पर जमाकर्ताओं/अन्य पक्षकारों को भारत में ऋण उपलब्ध हैं.
विदेशी मुद्रा अनिवासी खाते (एफसीएनआर- बैंक)
विदेशी मुद्रा मूल्यों में उतार-चढाव से रक्षा प्रदान करने के लिए एक अनोखी योजना है.
विदेशी मुद्रा अनिवासी खाते (एफसीएनआर) (बी) की विशेषताएं
- खाते विदेशी मुद्रा में मेंटेन किए जाते हैं और उन्हें सावधि जमाओं में ही रखा जाता है.
- एफसीएनआर (बी) खाते अमरीकी डालर, ग्रेट ब्रिटन पाउण्ड, यूरो और जापानी येन में हमारे बैंक में खोले जा सकते हैं.
- किसी अन्य विदेशी मुद्रा में भी प्रेषण भेजे जा सकते हैं, जिन्हें प्रेषक द्वारा निर्दिष्ट किसी एक नामित मुद्रा में परिवर्तित किया जाता है.
- जमाराशियॉं न्यूनतम अवधि 1 वर्ष से अधिकतम अवधि 5 वर्ष तक स्वीकार किए जाते हैं.
- जमाओं की मुद्रा में ब्याज अदा किया जाता है. लागू विनिमय दरों पर परिवर्तन की अनुमति दी जाती है.
- अर्जित आय पर कर नहीं लगाया जाता. शेष राशि पर धन कर नहीं लगता.
- इन जमाओं की प्रतिभूति पर जमाकर्ताओं/अन्य पक्षकारों को भारत में ऋण उपलब्ध हैं.